हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार विवाह में दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाए बिना शादी अधूरी माना जाती है. यह महिलाओं के 16 श्रृंगार में से एक होता है और इस वजह से भी इसका धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मंगलसूत्र सुहागिन महिलाओं के सुहाग की रक्षा करता है. वहीं, धार्मिक मान्यता यह भी है कि काला रंग अशुभ होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फिर मंगलसूत्र के मोती काले क्यों होते हैं और इनका क्या महत्व है.
मंगलसूत्र में काले मोतियों का क्या महत्व है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलसूत्र में काले मोती बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए महत्वपूर्ण माने गए हैं. यह पति और पत्नी के बीच शक्ति और संतुलन बनाए रखने, संबंध को मजबूत करने और पति के स्वास्थ्य की रक्षा करने का भी प्रतीक होते हैं. इसके अलावा, काले मोती देवी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं और विवाह को स्थिर बनाते हैं.
मान्यता है कि मंगलसूत्र के काले मोती बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करते हैं.
ऐसा माना जाता है कि मंगलसूत्र के काले मोती बुरी नजर से बचाते हैं और पति-पत्नी के बीच शांति और प्रेम बनाए रखते हैं.
मंगलसूत्र के काले मोती देवी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक माने गए हैं.
कुछ मान्यताओं के अनुसार, मंगलसूत्र के काले मोती पति के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं और तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं.
सोने के मंगलसूत्र में लगे काले मोतियों के होने की वजह यह भी है कि काला रंग नकारात्मक तरंगों को अवशोषित करता है, जिससे विवाह को नुकसान से बचाया जा सकता है.
कहते हैं कि मंगलसूत्र के काले मोती, शनि ग्रह का प्रतीक माने जाते हैं और ये मोती पत्नी-पति पर आने वाली शनि की बाधाओं को अपने ऊपर ले लेते हैं, जिससे पति के जीवन में खुशहाली बनी रहती है.